PF क्‍लेम का टॉर्चर, अब जागी मोदी सरकार…

एक ही PF क्‍लेम को अलग-अलग वजहों से रिजेक्‍ट कर रहे PF अधिकारी

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महेंद्र सिंह

प्राइवेट सेक्‍टर में काम करने वाले अपने वेतन का एक हिस्‍सा पीएफ अकाउंट में कटवाते हैं। ये पैसा उनके बुढापे की जरूरतों के लिए होता है। लेकिन कई बार नौकरी बदलने पर या किसी और वजह से उनको इस पैसे की ज़रूरत पड़ जाती है तो कर्मचारी भविष्‍य निधि संगइन यानी EPFO के अधिकारी उनके दुश्‍मन बन जाते हैं। मेंबर्स अपना ही पैसा निकालने के लिए PF क्‍लेम जमा कराते हैं और अधिकारी नईनई वजह बता कर उनका क्‍लेम रिजेक्‍ट करते रहते हैं। एक तरह से EPFO से क्‍लेम लेना मेंबर्स के लिए टॉर्चर बन गया है। ऐसे मामलों की बढ़ती शिकायतों पर अब मोदी सरकार जागी है। मोदी सरकार ने अब अपने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि आगे से अगर एक ही क्‍लेम को एक से ज्‍यादा बार रिजेक्‍ट किया गया तो उनकी खैर नहीं।

EPFO ने जारी किया सर्कुलर

EPFO ने अपने सभी क्षेत्रीय और जोनल कार्यालयों को इस बारे में एक सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में कहा गया है कि PF मेंबर्स की ओर से इस तरह की शिकायतें बड़े पैमाने पर आ रही हैं कि उनका क्‍लेम अलग अलग वजहें बता कर बार बार रिजेक्‍ट किया जा रहा है। जैसे एक बार कोई वजह बता कर क्‍लेम रिजेक्‍ट कर दिया गया और जब मेंबर ने कमी को दुरूस्‍त करके फिर से क्‍लेम जमा कराया तो फिर किसी दूसरी वजह से क्‍लेम रिजेक्‍ट कर दिया गया। साफ है कि इस तरह से अधिकारी और कर्मचारी मेंबर्स का उत्‍पीड़न कर रहे हैं।

सेवाओं की गुणवत्‍ता और संगठन की छवि पर पड़ रहा है असर

सर्कुलर में कहा गया है कि इस तरह के मामलों से संगठन की छवि खराब हो रही है और सेवाओं की गुणवत्‍ता पर असर पड़ रहा है। कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों केे गलत काम उन तमाम अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों पर पानी फेर रहे हैं जो ये सुनिश्चित करने के लिए काम कर हरे हैं कि मेंबर्स को बेहतर सेवाएं समय पर मिल सकें। मेंबर्स का क्‍लेम तेजी से तय समय सीमा में सेटल हो।

बारबार क्‍लेम रिजेक्‍ट हुआ जिम्‍मेदार होंगे रीजनल पीएफ कमिश्‍नर

सर्कुलर में कहा गया है कि अगर आगे से किसी मेंबर का क्‍लेम अलग अलग वजहों से एक से अधिकार बार रिजेक्‍ट होता है तो इसके लिए रीजनल पीएफ कमिश्‍नर जिम्‍मेदार होंगे। ऐसे में ये सुनिश्चित किया जाए कि एक बार में क्‍लेम को सावधानी से चेक किया जाए और कोई वजह से तो एक ही बार क्‍लेम रिजेक्‍ट किया जाए। जो भी कमी हो उसको एक बार ही बता दिया जाए जिससे मेंबर को बार बार क्‍लेम रिजेक्‍ट होने का सामना न करना पड़े। और इस बात का भी ध्‍यान रखा जाए कि छोटी छोटी बातों पर क्‍लेम रिजेक्‍ट न किया जाए।

10 करोड़ से अधिक है EPFO के सदस्‍य

मौजूदा समय में EPFO के 10 करोड़ से अधिक सदस्‍य हैं और इसके सक्रिय सदस्‍यों की संख्‍या लगभग 6 करोड़ है। सक्रिय सदस्‍य वे सदस्‍य हैं जिनके अकाउंट में हर माह उनके वेतन का एक हिस्‍सा पीएफ के तौर पर जमा हो रहा है।

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