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आवारा जानवरों और सांड़ों का लोकतंत्र है हमारा उत्‍तर प्रदेश

योगी जी की खिलखिलाहट बिना सबब नहीं थी। जब खेत से लेकर सड़क तक सा़ंडों के आतंक और लोगों की जानें जाने के बाद भी वे दोबारा मुख्‍यमंत्री बन सकते हैं तो उनकी खिलखिलाहट बनती भी है। सवाल तो किसानों का है। जो न हंस सकते हैं और न रो सकते हैं। अगर…

We the people यानी जनता मालिक है, नेता,कलेक्‍टर नहीं

सरकार तब जागती है जब मामले को जातीय रंग दिया जाता है। सरकार को लगता है कि जातीय रंग का मामला अगर जोर पकड़ेगा तो उसके वोट के गणित पर फर्क पड़ेगा। इसके बाद लेखपाल जैसे छोटे कारिंदे को गिरफ्तार किया गया और बड़े अधिकारी को निलंबित किया गया। ये…

लोकतंत्र की गरिमा बहाल करने की ओर…

सत्ता जब निरंकुश होकर संसद को बांझ बना दे और अन्य संस्थाओं को विफल करने लगे। न्यायपालिका पर भी नाकाम होने का खतरा मंडराने लगे तो ऐसे में जनता के पास जाइए और जनार्दन को जगाइए।

इकबाल बुलंद करो जनता जनार्दन

जी हां यहां बात बिहार के सुशासन बाबू नीतीश कुमार की और उनके शर्मनाक बयान की हो रही है। असंवदेशीलता की कड़ी में नीतीश कुमार इकलौते नेता नहीं हैं जिन्‍होंने सत्‍ता के मद में चूर हो कर इस तरह का बयान दिया है।