फरवरी में ही आ रहा पसीना, आगे क्या कहर ढाएगी गर्मी
तापमान जैसे- जैसे ऊपर चढ़ रहा स्पष्ट है कि देश के कुछ हिस्से फरवरी महीने से ही हीट वेव की दिशा में रुख कर रहे हैं
पीपुल्स स्टेक ब्यूरो
देश के अलग-अलग राज्यों में गर्मी फरवरी में ही रिकॉर्ड तोड़ने लगी है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार कई राज्यों में गर्मी ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है। उत्तर पश्चिम, मध्य और पश्चिम भारत में अगले पांच दिनों में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस तक ऊपर जा सकता है। तापमान जैसे- जैसे ऊपर चढ़ रहा स्पष्ट है कि देश के कुछ हिस्से फरवरी महीने से ही हीट वेव की दिशा में रुख कर रहे हैं। गुजरात के भुज में 16 फरवरी को अधिकतम पारा 40.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा चुका है।
ये गर्मी से पहले झुलस सकते हैं
मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में आने वाले दिनों में गर्मी तेजी से बढ़ेगी। पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी अधिकतम तापमान सामान्य से पांच से ग्यारह डिग्री सेल्सियस तक ऊपर जा सकता है। पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में फरवरी 100 फीसदी सूखी रही है जिस कारण तापमान तेजी से आगे बढ़ रहा है।
ओडिशा में गर्मी से हाल बेहाल
मौसम विभाग के भुवनेश्वर केंद्र के वैज्ञानिक ऊमा शंकर दास ने बताया है कि पिछले साल फरवरी में भुवनेश्वर का अधिकतम पारा 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। माह खत्म होने से पहले ही रिकॉर्ड टूट गया है। मौसम विभाग के अनुसार ओडिशा के दस जिलों में मंगलवार को अधिकतम पारा 36 डिग्री से अधिक दर्ज किया गया है। अनुमान है कि ओडिशा के कई क्षेत्रों में अगले सात दिनों में बारिश नहीं हुई तो पारा 40 डिग्री तक जा सकता है।
पहाड़ों पर भी पारा असामान्य
देश के पहाड़ी राज्यों में भी फरवरी में पारा चढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों के मैदानी इलाके से सटे क्षेत्रों के अधिकतम तापमान में 10 से 11 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। मंगलवार को शिमला का अधिकतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था जो सामान्य से आठ डिग्री ज्यादा था। इसी तरही मसूरी का तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक था। जम्मू- कश्मीर के भी कई क्षेत्रों में पारे की चाल असामान्य है।
लू से प्रभावित होने वाले राज्य
मौसम विभाग के अनुसार उत्तरपूर्वी भारत, मध्य, पूर्व और उत्तर प्रायद्वीप भारत में मार्च से जून तक हीट वेव का प्रकोप रहता है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात के साथ महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना के कुछ हिस्सों शामिल हैं। मई में अधिकतम तापमान 45 डिग्री से ज्यादा राजस्थान और विदर्भ में रहता है। जुलाई में दुर्लभ स्थिति में हीट वेव चल सकती है।
दुनियाभर में बढ़ सकती है गर्मी
विश्व मौसम सगंठन (डब्ल्यूएमओ) का अनुमान है कि इस साल पड़ने वाली गर्मी से दुनिया परेशान रह सकती है। संभव है कि पिछले दो साल की तुलना में तापमान ज्यादा गरम हो जाए। ला नीना के प्रभाव के कम होने चलते वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी संभव है। दुनिया का औसत तापमान में लाल नीना के कमजोर प्रभाव का असर अगले कुछ महीने में दिख सकता है। जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण मौसम का सही अंदाजा लगाना भी मुश्किल होगा।
कब हीट वेव की स्थिति
1.मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक होने पर
2.पहाड़ी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तो हीट वेव की घोषणा होती है
3.रात का अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक तो वार्म नाइट की श्रेणी में रखते हैं
4.तटीय क्षेत्रों में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक तब हीट वेव का अलर्ट होता है
5.संबंधित क्षेत्र के सामान्य अधिकतम तापमान की गणना के बाद ही हीट वेव का अलर्ट
ऐसे हालात के पांच प्रमुख कारण
1.पश्चिमी विक्षोभ में देरी के कारण तापमान में तेजी बरकरार है
2.जनवरी के बाद फरवरी में भी बारिश न होने से पारा चढ़ रहा
3.ला नीना के कमजोर प्रभाव के चलते तटीय क्षेत्रों में गर्मी बढ़ी
4.देश के 717 जिलों में से 110 जिलों में सामान्य या अधिक बारिश
5.दक्षिणी गुजरात में प्रतिचक्रवात बनने से तटीय क्षेत्रों में गर्मी बढ़ी है