अब बंगाल में भाजपा का ‘खेला होबे’

Now BJP's 'Khela Hobe' in Bengal

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कोलकाता।भाजपा ने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लोकप्रिय नारेखेला होबेका इस्तेमाल उसी के खिलाफ कर दिया। भाजपा ने कहा कि आने वाले चुनावों में दोनों के बीच खेला होगा। भाजपा राज्य के पंचायत चुनाव और लोकसभा चुनाव में टीएमसी के खिलाफ उसी नारे का इस्तेमाल करेगी। 

बंगाल में पंचायत चुनाव के पहले घमासान मचा हुआ है। इस बीच, भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आने वाले समय में दोनों के बीच चुनावी खेल होगा। भाजपा अहिंसा में विश्वास करती है लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि अगर दोदो हाथ करने की नौबत आएगी तो वह जवाब नहीं देगी। 

खतरनाक होगा खेला‘:मजूमदार

भाजपा नेता मजूमदार ने शुक्रवार को उत्तरी 24 परगना जिले के बैरकपुर में एक जनसभा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां खेल खेलेंगी और यह खतरनाक होगा। बता दें, टीएमसी ने 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले खेला होबेका नारा दिया था। यह नारा बेहद लोकप्रिय हुआ था। कई दलों ने बंगाल के अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी इसका जमकर इस्तेमाल किया था। 

चंद वर्षों में सत्ता से बाहर होगी टीएमसी

मजूमदार ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि तृणमूल सरकार, जो कि राज्य की संपत्तियां बेच रही है, अगले कुछ सालों में सत्ता से बाहर हो जाएगी। बंगाल में जल्दी चुनाव की ओर इशारा करते हुए भाजपा नेता ने दावा किया कि अगर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ होते हैं तो उन्हें कोई आश्चर्य नहीं होगा। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार 2021 में लगातार तीसरी बार राज्य में सत्ता में आई है। 

किसी को बख्शा नहीं जाएगा

लगभग 300 टीएमसी कार्यकर्ताओं को 2021 के चुनाव पश्चात हिंसा के मामलों में गिरफ्तार किए जाने को लेकर मजूमदार ने कहा कि और भी लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जाने की संभावना है। मजूमदार ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह किसी भी बड़े पद पर हो, जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, तब तक उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकसभा में पुलिस की तटस्थता को लेकर एक विधेयक लाया जाएगा। 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बंगाल पुलिस सत्तारूढ़ दल के प्रति पक्षपात करती है। उन्होंने पुलिस कर्मियों से तटस्थता से कार्य करने का आग्रह करते हुए कहा कि उनका वेतन करदाताओं के पैसे से दिया जाता है, न कि किसी राजनीतिक दल द्वारा।

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