और खतरनाक बनेगा भारत का महाबली सुखोई, अपग्रेड पर 36 हजार करोड होंगे खर्च
सुपर सुखोई कार्यक्रम के लिए नए उपकरणों और सिस्टम को अंतिम रूप दे रही है भारतीय वायुसेना
पीपुल्स स्टेक नेटवर्क
नई दिल्ली: भारत का महाबली यानी सुखोई फाइटर एयरक्राफ्ट और खतरनाक बनेगा। भारत सरकार सुखोई 30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने की योजना पर काम कर रही है। हिदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड अपग्रेड कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी है। इस अपग्रेड कार्यक्रम के तहत लगभग 150 विमानों को अपग्रेड करके सुपर सुखाई बनाया जाएगा। एक अनुमान है कि इस पर लगभग 35,000 करोड़ रु का खर्च आएगा।
सुपर सुखोई
एचएएल के एक अधिकारी ने बताय कि एक बार एचएएल और भारतीय वायुसेना उन सिस्टम्स और उपकरणों को अंतिम रूप दे देंगे जिनको अपग्रेड के तहत सुखोई में लगाया जाना उसके बाद एचएएल रूस से सुपर सुखोई कार्यक्रम पर मंजूरी के लिए संपर्क करेगा। अपग्रेड के लिए जरूरी सिस्टम और स्पेयर पार्ट्स रूस से आएंगे।
स्वदेशी तकनीक वाले उपकरणों से लैस होगा सुखाई
सुपर सुखाई में आधुनिक कॉकपिट, एवॉनिक्स और सिस्टम शामिल हैं। अपग्रेड के बाद सुखाई पांचवी पीढ़ी के स्तर के करीब आ जाएगा। अपग्रेड के तहत भारत में डीआरडीओ द्वारा विकसित किए गए उत्तम एमके3 आइसा फायर कंट्रोल रडार लगाया जाएगा। अपग्रेड किए गए कॉकपिट पर नया मिशन कंप्यूटर भी लगाया जाएगा। इसे एचएएल ने बनाया है। इसके अलावा दूसरे और कई आधुनिक सिस्टम से सुखाई से लैस किया जाएगा, जिनको भारत में स्वदेशी तकनीक से बनाया गया है।
सुपर सुखोई कार्यक्रम के तहत जो कंपोनेंट लगाए जाने हैं उनकी टेस्टिंग 2024 से एचएएल शुरू करेगा। और तमाम चरणों में इनको सुखोई में लगाया जाएगा। सुखाई का अपग्रेड कार्यक्रम पूरा होने में कई साल लगेंगे।
भारत ने सुखोई मल्टीरोल लड़ाकू विमान रूस से खरीदा है। मौजूदा समय में भारतीय वायुसेना 250 से अधिक सुखाई विमान संचालित कर रही है। एक तरह से ये विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े में रीढ़ की हड्डी की तरह काम कर रहे हैं। हाल में भारत ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान भी खरीदें हैं। ये विमान मौजूदा समय में दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों में शुमार हैं। इनके आने से भारतीय
वायुसेना की ताकत बढ़ी है।
नए तेजस बढ़ाएंगे देश की ताकत
इसके अलावा भारतीय वायुसेना स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस को भी अत्याधुनिक बनाने पर काम कर रही है। भारत सरकार पहले ही 83 अत्याधुनिक तेजस विमानों की खरीद के सौदे को मंजूरी दे चुकी है। एचएएल इन विमानों को बना रहा है। अगले कुछ सालों में ये विमान भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे।