EPS: 37,327 करोड़ के घाटे में आपका पेंशन फ़ंड

ओल्‍ड पेंशन बनाम एनपीएस की बहस में गुम है 10 करोड़ का भविष्‍य

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महेंद्र सिंह 

अगर आप प्राइवेट सेक्‍टर में काम करते हैं, तो आपका प्रॉविडेंट फ़ंड (PF) अकाउंट, कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन, यानी EPFO मैनेज कर रहा है. आपको ये जानकर अजीब लगेगा कि जिस पेंशन स्‍कीम में आप हर महीने अपनी सैलरी का एक हिस्‍सा जमा कर रहे हैं, वो पेंशन फ़ंड हज़ारों करोड़ के घाटे में है. जी हां. इम्‍पलाइज़ पेंशन स्‍कीम या EPS का पेंशन फ़ंड ₹37,327 करोड़ के घाटे में है. ये बात EPFO ने ख़ुद अपनी स्‍टडी में मानी है.

EPS की पेंशन स्‍कीम घाटे में क्यों है
EPFO के 2019 के एक्‍चुरियल वैल्‍यूएशन में ये सामने आया है कि स्‍कीम ₹37,327 करोड़ के घाटे में है. एक्‍चुरियल वैल्‍यूएशन के मुताबिक न्‍यूनतम कंट्रीब्‍यूशन और जरूरी कंट्रीब्‍यूशन के बीच पहले से अंतर है. 10 साल की पेंशनेबल सर्विस के साथ न्‍यूनतम ₹1,000 की मासिक पेंशन के लिए मेंबर को लगातार दस साल तक पेंशन स्‍कीम में ₹711 कॉन्ट्रीब्‍यूट करने की ज़रूरत है. 2020-21 में 6.12 करोड़ मेंबर, स्‍कीम में कॉन्ट्रीब्‍यूट कर रहे थे, और इनमें से आधे से ज़्याद, यानी 3.47 करोड़ मेंबर, हर महीने ₹700  से कम कॉन्ट्रीब्‍यूट कर रहे हैं.

इस घाटे का पेंशन पाने वालों पर असर
भारतीय स्‍टेट बैंक के रिटायर्ड CGM सुनील पंत का कहना है कि पेंशन फ़ंड घाटे में होने का मतलब है कि स्‍कीम को भविष्‍य में अपनी देनदारियां चुकाने में परेशानी हो सकती है. अगर EPFO ने समय रहते स्‍कीम के तहत निवेश की जाने वाली रक़म पर बेहतर रिटर्न नहीं हासिल किया, या घाटे की भरपाई का इंतज़ाम नहीं किया, तो एक समय के बाद EPFO अपने संसाधनों से पेंशन पाने वालों को पेंशन देने की स्थिति में नहीं होगा.

हमारी राय
EPS के मौजूदा मेंबर, जो EPS स्‍कीम में पहले से कॉन्ट्रीब्‍यूट कर रहे हैं, उनके पास ज़्यादा कुछ करने का विकल्‍प नहीं है. हां, अगर आप नौकरी बदलते हैं और दूसरी कंपनी ज्वाइन करते हैं, तो आपके पास इस स्‍कीम से निकलने का विकल्‍प बन सकता है. लेकिन, इसके लिए ज़रूरी है कि आपकी बेसिक सैलरी ₹15,000 से ज़्यादा हो. अगर ऐसा है तो आप अपनी नई कंपनी से कह सकते हैं कि आप EPF में कॉन्ट्रीब्‍यूट नहीं करना चाहते हैं. इसके बजाए आप रिटायरमेंट फ़ंड के लिए NPS स्‍कीम चुन सकते हैं. NPS में कॉन्ट्रीब्‍यूट करके न सिर्फ़ आप टैक्‍स बचा सकते हैं, बल्कि लंबे समय में अपनी ज़रूरत के मुताबिक़ रिटायरमेंट कॉर्पस बना सकते हैं.

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