देशी हथियारों की बूस्‍टर डोज, और घातक होंगी भारतीय सेनाएं

रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सेनाओं के लिए 84,000 करोड़ रु के हथियार और साजो सामान खरीदने के प्रस्‍ताव को दी मंजूरी

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पीपुल्‍स स्‍टेक नेटवर्क

नई दिल्‍ली। भारतीय सेना को देशी हथियारों को एक बड़ी खेप मिलने जा रही है। इससे भारतीय सेना और घातक बनेगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में रक्षा अधिग्रहण परिषद डीएसी ने अब तक के सबसे बड़े रक्षा सौदें को मंजूरी दी है। इस सौदे के तहत भारतीय सेनाओं के लिए 84 हजार करोड़ रु के हथियारों और साजो सामान की खरीद की जाएगी। और खास बात ये है कि लगभग 82 हजार करोड़ के हथियार और साजो सामान की खरीद भारतीय कंपनियों और उपक्रमों से होगी। यानी भारतीय सेनाओं को देशी हथियारों का बूस्‍टर डोज मिलेगा। इससे आत्‍मनिर्भर भारत के अभियान को भी मजबूती मिलेगी।

तीनों सेनाओं के लिए 24 प्रस्‍तावों को मंजूरी

रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता में हुई बैठक में तीनों सेनाओं के लिए 24 प्रस्‍तावों को मंजूरी गई है। इससे सेनाओं को रक्षा के क्षेत्र में उभर रही चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। इनमें से छह थल सेना, छह वायुसेना तथा 10 नौसेना के हैं। भारतीय तटरक्षक बल के लिए भी दो सौदों को मंजूरी प्रदान की गई। इन सभी रक्षा सौदों का मूल्य 84,328 करोड़ रुपये है। इनमें से 82127 करोड़ की खरीद देश में निर्मित होगी। यानी कुल खरीद का 97.4 फीसदी सामान देश में ही तैयार किया जाएगा। इससे न सिर्फ देश की सेनाएं मजबूत होंगी बल्कि भारतीय रक्षा उद्योगों को मजबूती मिलेगी।

मिलेंगे इंन्‍फैंट्री कॉम्‍बैट व्‍हीकल, लाइट टैंक और माउंटेड गन सिस्‍टम

जिन महत्वपूर्ण रक्षा सौदों को आवश्यकता की स्वीकृति (एओएन) दी गई, वह भारतीय सेना को भविष्य के इन्फैंट्री कॉम्बैट व्हीकल्स, लाइट टैंक और माउंटेड गन सिस्टम जैसे प्लेटफार्म और उपकरणों से लैस करेगी। इससे भारतीय सेना की संचालनात्मक तैयारियों में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा। अनुमोदित प्रस्तावों में सैनिकों के लिए बढ़े हुए सुरक्षा स्तर के साथ बैलिस्टिक हेलमेट की खरीद भी शामिल है।

भारतीय सेनाओं को आधुनिक बनाने का मिशन

एलएसी पर चीन के साथ चल रहे तनाव और चीन पकिस्‍तान के नेक्‍सस से उभरी सुरक्षा चुनौतियों का माकूल जवाब देने के लिए तीनों भारतीय सेनाओं को आधुनिक बनाने की प्रकिया तेजी से चल रही है। इसके तहत बड़े पैमाने पर रक्षा सौदे किए जा रहे हैं। मोदी सरकार का प्रयास है कि सेना को हर जरूरी हथियार और साजो सामान मुहैयर कराया जाए। इस कड़ी में इन रक्षा सौदों को मंजूरी दी गई है। इसके अलाव सरकार घरेलू रक्षा उ्दयोग भी विकसित करना चाहती है। जिससे अधिकतर हथियार और साजो सामान देश में ही बनें। इससे रक्षा के क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम होगी और बड़े पैमाने पर विदेश मुद्रा की बचत भी होगी।

 

 

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