मैनपुरी में नेता जी का “पर्सनल टच” मिस कर रही सपा

जसवंत नगर विधानसभा के एक गांव में 15 साल बाद वोट मांगने पहुंचे अखिलेश और डिंपल

⇒ महेंद्र सिंह 

नई दिल्ली। मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव का नतीजा कुछ भी हो, लेकिन ये बात साफ़ हो गई है कि मैनपुरी में अपना गढ़़ बचाने में जुटी समाजवादी पार्टी नेता जी यानी स्‍वर्गीय मुलायम सिंह का पर्सनल टच बुरी तरह से मिस कर रही है। स्‍थानीय सपा नेताओं का कहना है कि जीत का मार्जिन 5 हजार से 15 हजार के बीच रह सकता है। 

लवरई गांव में 15 साल बाद वोट मांगने पहुंचे अखिलेश

मैनपुरी उपचुनाव की चर्चा राष्‍ट्रीय मीडिया में भी हो रही है। लेकिन इस बात पर बहुत कम लोगों ने गौर किया होगा कि सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव प्रत्‍याशी डिंपल यादव को लेकर जसवंत नगर विधानसभा के एक गांव लवरई वोट मांगने पहुंचे। वोट मांगने पहुंचे इसमें कुछ खास नहीं है। खास ये है कि वे उस गांव में 15 साल बाद पहुंचे थे।

इटावा के पत्रकार अनंत पालीवाल ने peoplesstake.in को बताया इस चुनाव में सपा मुलायम सिंह का पर्सनल टच मिस कर रही है। मुलायम सिंह इलाके में सबको जानते थे। सबका काम करते थे। लेकिन यही बात अखिलेश के लिए नहीं कही जा सकती है। अखिलेश का यहां के लोगों के साथ पर्सनल टच नहीं है। उनको बताना पड़ता है कि ये इस गांव के प्रधान हैं। ये उस गांव के प्रधान हैं।

शिवपाल आए लेकिन साथी भाजपा में गए

डिंपल और अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल यादव को जरूर मना लिया है। लेकिन शिवपाल यादव की पार्टी प्रगति‍शील समाजवादी पार्टी लोहिया के स्‍थानीय पदाधिकारी भाजपा में शामिल हो गए। अनंत पालीवाल कहते हैं कि शिवपाल यादव के आने से सपा को मजबूती तो मिली। लेकिन सपा जीत जाएगी इसको लेकर सपा के लोग भी आश्‍वस्‍त नहीं हैं।

90 प्रतिशत वोटिंग का जमाना गया

स्‍थानीय लोगों का कहना है कि अब इस इलाके में 90% प्रतिशत वोटिंग का जमाना गया। पहले एक जाति विशेष बाहुल्‍य वाले गांवों में 90 % तक वोट पड़ जाते थे। लेकिन सोमवार को हुए मतदान में सबसे ज्‍यादा मतदान प्रतिशत जसवंत नगर विधानसभा में रहा। शाम 5 बजे तक जसवंत नगर में 57 प्रतिशत मतदान हुआ था। ये मैनपुरी लोकसभा में आने वाली विधानसभाओं में सबसे ज्‍यादा है। मैनपुरी विधानसभा में मतदान का प्रतिशत 49.5%, भोगांव में मतदान का प्रतिशत किशनी में मतदान प्रतिशत रहा जबकि करहल में जहां से अखिलेश यादव खुद विधायक है में मतदान प्रतिशत 53.1 रहा है। कुल मिला कर शाम 5 बजे तक मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव में कुल 51.20 प्रतिशत मतदान हुआ है।

पहले सपा और फिर भाजपा

स्‍थानीय लोगों का कहना है कि अतीत में इस बेल्‍ट में चुनाव जीतने के लिए जो काम सपा करती रही है वही अब भाजपा कर रही है। खुल कर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं है। लेकिन पाठक भी समझते हैं कि लोग क्‍या कहना चाहते हैं।

मुलायम सिंंह के रहते ही पकड़ होने लगी थी कमजोर

दिवंगत पूर्व सपा अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह के रहते ही सपा की पकड़ मैनपुरी लोकसभा में कमजोर होने लगी थी। एक समय था जब मुलायम सिंह इस सीट से 4 लाख के अंतर से जीतते थे। 2019 लोकसभा चुनाव में मैनपुरी से मुलायम सिंह की जीत का अंतर घट कर सिर्फ 90,000 रह गया था। ऐसे में अगर आज सपा को इस सीट पर एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है तो ये कोई अनोखी बात नहीं है।

 

 

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