पीपुल्स स्टेक डेस्क
नई दिल्ली: अंतरिक्ष में जाने वाली कल्पना चावला आज किसी भी पहचान की मोहताज नहीं है। वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थीं. कल्पना चावला ने दो बार अंतरिक्ष की यात्रा पर जा कर इतिहास रचा था. लेकिन अपनी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा से लौटते समय 1 फरवरी 2003 को उनका स्पेसक्राफ्ट कोलंबिया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उनकी मौत हो गई. वही, उनके साथ अन्य 6 क्रू मेंबर्स का भी निधन हो गया।
कल्पना न केवल युवाओं के लिए बल्कि उन लड़कियों के लिए भी प्रेरणा है जो अपने सपने को पूरा करना चाहती हैं। 19 नवंबर 1997 को कोलंबिया स्पेस शटल (STS-87) के जरिए कल्पना चावला का पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू हुआ था. पहली यात्रा के दौरान उन्होंने स्पेस में 376 घंटे (15 दिन और 16 घंटे) से ज्यादा बिताए थे. 5 दिसबंर 1997 को कल्पना पृथ्वी पर लौट आई थीं.
कल्पना चावला ने दूसरी बार 16 जनवरी 2003 को स्पेस शटल कोलंबिया से उड़ान भरी. लेकिन वह उनकी आखिरी उड़ान साबित हुई. 1 फरवरी को लौटते वक्त उनका स्पेस शटल दुर्घटनाग्रस्त हो गया. जिसमे कल्पना समेत 6 अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई. उन्होंने इस दौरान 31 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट अंतरिक्ष में बिताए थे.
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। उनके पिता का नाम बनारसी लाल चावला और मां का नाम संज्योति चावला है। वह चार बच्चों में सबसे छोटी थीं। उन्होंने टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाई की। कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज भारत से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चली गई.