झारखंड में अब बोलना होगा ‘जोहार‘

झारखंड सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों और समारोहों में अभिवादन के लिए ‘जोहार‘ शब्द कहने को अनिवार्य कर दिया है। इसको लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है।

रंजीत कुमार

रांची: झारखंड सरकार ने सरकारी कार्यक्रमों और समारोहों में अभिवादन के लिए ‘जोहार‘ शब्द कहने को अनिवार्य कर दिया है। इसको लेकर सोमवार को अधिसूचना जारी कर दी गई है। अब अधिकारियों को भी सभी कार्यक्रमों में अभिवादन के लिए जोहार शब्द का प्रयोग करना होगा। मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने इसका आदेश जारी किया है।

सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव आयुक्तों, विभागध्यक्ष, उपायुक्तों को पत्र लिखा गया है। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि राजकीय कार्यक्रमों व समारोहों में गणमाण्य अतिथियों के स्वागत के लिए उन्हें गुलदस्ता या फूल की जगह पौधा, पुस्तक, शाॅल, मोमेंटो देकर स्वागत करें। प्रधान सचिव ने लिखा है कि झारखंड की पहचान एक जनजातिय बाहुल्य के रूप में है। झारखंड की संस्क्ति में जोहार बोल कर अभिवादन किए जाने की परंपरा है।

गौरतलब है कि चाईबासा में खतियानी जोहार यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सभी को नमस्कार की जगह जोहार बोलने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि झारखंड में नमस्कार, प्रणाम, सत श्री अकाल नहीं चलेगा। सभी की अपनी संस्क्ति होती है। हमारी आदिवासी संस्क्ति में जोहार महत्वपूर्ण है।

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