⇒ महेन्द्र सिंह
खतौली विधानसभा उपचुनाव के नतीजों ने साफ कर दिया है कि पश्चिमी यूपी में नए समीकरण बन रहे हैं। और ये समीकरण अगर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में काम करते हैं तो ये पश्चिमी यूपी की करीब 13 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को दर्द दे सकते हैं। ये नया समीकरण है जाट, जाटव और मुसलमान का। खतौली विधानसभा उपचुनाव में राष्ट्रीय लोकदल की जीत का आधार यही समीकरण कर रहा। और बीजेपी हर संभाव प्रयास करके भी इस सीट को नहीं जीत सकी।
13 लोकसभा सीटों पर काम करेगा नया समीकरण
राष्ट्रीय लोकदल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ऐसा पहली बार हुआ है जब इतनी बड़ी संख्या में जाटव मतदाताओं ने नल पर वोट दिया है। इस इलाके में जाट और जाटव संघर्ष का इतिहास रहा है। ऐसे में जाट और जाटव एक साथ मिल कर किसी राजनीतिक दल को वोट करेंगे, ऐसा सोचना भी मुश्किल लगता था। लेकिन आज ये एक हकीकत है। और ऐसा हुआ है जयंत चौधरी और चंद्रशेखर रावण के साथ आने से।
क्यों साथ आए जयंत चौधरी और चंद्रशेखर रावण
जयंत चौधरी की पाटी राष्ट्रीय लोकदल ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा के साथ मिल कर पश्चिमी यूपी में 8 सीटें जीतीं थीं। लेकिन जयंत चौधरी को इस बात का अहसास हुआ कि सिर्फ जाट मुस्लिम समीकरण के दम पर पश्चिमी यूपी में बहुत दमदार प्रदर्शन करना मुश्किल है। जाट बीजेपी को भी वोट दे रहे हैं। वहीं चंद्रशेखर रावण को ऐसी राजनीतिक ताकत की जरूरत थी जिसके साथ मिल कर वे जाटव मतदाताओं में अपनी पैठ को राजनीतिक तौर पर अहम नतीजों में बदल सकें। इसके अलावा दोनो नेताओं को ये भी लगा कि अगर वे एक साथ आते हैं तो गठबंधन में सपा के साथ सीटों पर सौदेबाजी ज्यादा मजबूती से कर सकेंगे। सूत्रों का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव में सपा ने चंद्रशेखर रावण को सम्मानजनक सीटों की पेशकश नहीं की। अगर ऐसा होता तो विधानसभा चुनाव के नतीजे अलग हो सकते हैं।
पश्चिमी यूपी की 10 सीटों पर दावेदारी करेंगे जयंत और चंद्रशेखर
राष्ट्रीय लोकदल से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जयंत चौधरी और चंद्रशेखर रावण के साथ आने से हमारी सौदेबाजी की ताकत बढ़ गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए हम पश्चिमी यूपी की 10 सीटों पर दावेदारी करेंगेे। और इन सीटों पर जीत का आधार बनेगा। जाट, जाटव और मुस्लिम समीकरण। सूत्रों का कहना है कि अगर चंद्रशेखर की वजह से 30 -40 प्रतिशत जाटव भी हमारे साथ आता है तो इन सीटों पर बीजेपी पर भारी पड़ेंगे।
नगीना से चुनाव लडेंगे चंद्रशेखर रावण
चंद्रशेखर रावण नगीना लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। जातिगत समीकरण के लिहाज से ये सीट उनके लिए काफी सुरक्षित मानी जा रही है। और ऐसे समय में बसपा सुप्रीमो मायावती का करिश्मा ढलान पर चंद्रशेखर पश्चिमी यूपी में जाटव मतदाताओं के बीच नायक के तौर पर उभर सकते हैं। और इस कड़ी में जयंत चौधरी और चंद्रशेखर रावण का साथ आना राजनीतिक तौर पर बड़े नतीजे दे सकता है।
बीजेपी को दुरूस्त करने होंगे कील कांटे
खतौली उपचुनाव के नतीजों से बीजेपी जरूर चिंतित होगी। बीजेपी ने इस सीट पर पूरा दम लगाया था लेकिन विपक्षी दलों का जातिगत समीकरण इतना मजबूत निकला कि उसका कोई जोर नहीं चला। हालांकि एक सीट पर उपचुनाव के नतीजों से लोकसभा चुनाव के बारे में निर्णायक तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इन नतीजों ने विपक्षी दलों को ये उम्मीद जरूर दी है कि बीजेपी से लड़ने के लिए उनके पास भी असलहा है और अगर वे इसका इस्तेमाल प्रभावी तरीके से करते हैं तो बीजेपी को मात दे सकते हैं।