अभिमनोज: चाहे एकतरफा मीडिया कुछ भी कहे, नरेंद्र मोदी का सियासी जादू खत्म हो चुका है! पिछले लोकसभा चुनाव के बाद हुए ज्यादातर बड़े चुनावों में नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ने के बावजूद कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है, लिहाजा दक्षिण भारत में तो वैसे भी बीजेपी के लिए कोई खास गुंजाइश नहीं है और उत्तर भारत में सियासी खरीद-फरोख्त, जोड़-तोड़ से बनी सरकारों को हटा दें, तो बीजेपी का भगवा रंग बहुत कम क्षेत्रों में नजर आएगा? लोकसभा चुनाव 2019 के बाद जहां नरेंद्र मोदी का पॉलिटिकल क्रेज कम हुआ है, वहीं योगी आदित्यनाथ के लिए राजनीतिक आकर्षण बढ़ रहा है!
देश में हाल ही हुए चुनावों और उपचुनावों के नतीजे बताते हैं, कि गुजरात को छोड़कर कहीं भी नरेंद्र मोदी का क्रेज नहीं बचा है? चुनाव से पहले तीन सत्ताएं- हिमाचल, एमसीडी और गुजरात, बीजेपी के पास थी जिनमें से केवल गुजरात की सत्ता बची है, मजेदार बात यह है कि मोदी के गुजरात में भी योगी का तगड़ा क्रेज है और योगी मॉडल चर्चा में है! इस वक्त केंद्र में बीजेपी की सरकार है, लेकिन सियासी ठगी के चलते जनता में पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर कोई खास उत्सुकता नहीं बची है, वैसे तो पीएम मोदी ने अपनी पार्टी में सारे प्रतिद्वंद्वियों को किनारे कर दिया था, लेकिन बीजेपी में योगी आदित्यनाथ का पॉलिटिकल क्रेज बढ़ता जा रहा है, लिहाजा, 2024 में नरेंद्र मोदी के लिए योगी आदित्यनाथ बड़ी चुनौती हो सकते हैं? हालांकि, बीजेपी में पीएम उम्मीदवार वही होगा, जिसे संघ चाहेगा, इसलिए यदि संघ ने योगी को पसंद कर लिया तो नरेंद्र मोदी को लालकृष्ण आडवाणी बनने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा!
बीसवीं सदी में श्रीराम मंदिर आंदोलन के दौरान बीजेपी के संस्थापक और प्रमुख नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी सबसे बड़े पॉलिटिकल हीरो बनकर उभरे थे, लेकिन एक्कीसवीं सदी के पहले दशक के बाद लालकृष्ण आडवाणी की लगातार नाकामयाबी के चलते उनके बजाए गुजरात के मुख्यमंत्री रहे नरेंद्र मोदी सबसे बड़े पॉलिटिकल हीरो बन गए और अब यह सियासी समीकरण भी तेजी से बदल रहा है, अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे बड़े पॉलिटिकल हीरो बनते जा रहे हैं? बीजेपी समर्थकों के बीच जो पॉलिटिकल क्रेज 2014 में मोदी का था, आजकल योगी का नजर आ रहा है, तो क्या…. 2024 में योगी पीएम फेस होंगे? लगता तो यही है, क्योंकि अब बीजेपी कार्यकर्ताओं में जोश भरने की राजनीतिक ताकत केवल सीएम योगी में नजर आ रही है!
बीजेपी के समर्थकों के बीच ही नहीं, आम जनता में भी मोदी का वो आकर्षण नहीं रहा है कि अब जनता अच्छे दिन के दावे पर भरोसा कर सके? मोदी-राज के इन आठ वर्षों में जनता ने जो दर्द प्रत्यक्ष महसूस किया है, उसे किसी पॉलिटिकल मैनेजमेंट के दम पर खत्म नहीं किया जा सकता है! यह तो योगी का ही सियासी दम था कि यूपी चुनाव में वे फिर से जीत दर्ज करवाने में कामयाब रहे, वरना जनता की केंद्र की मोदी सरकार के प्रति नाराजगी बीजेपी को भारी पड़ सकती थी? लोग पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के रेट को लेकर बेहद खफा थे, तो बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी ने सबको परेशान करके रख दिया था, ऐसे माहौल में भी योगी की शानदार सफलता आश्चर्यजनक है!
बीजेपी के पास करीब आधा दर्जन ही ऐसे राज्य हैं, जहां से बहुमत की ज्यादातर लोकसभा सीटें आई हैं और उनमें भी यूपी सबसे प्रमुख है, लिहाजा पीएम मोदी के सियासी तौर-तरीकों, उपदेशों से उब चुकी जनता को यदि योगी जैसा विकल्प मिला तो ही 2024 में बीजेपी लोकसभा चुनाव में बहुमत की उम्मीद रख सकती है? योगी के पक्ष में सबसे बड़ी बात यह है कि वे यूपी से हैं, जिसके दम पर केंद्र में सरकारें बनती रही हैं? इन पांच वर्षों में जहां सीएम योगी का सियासी कद बढ़ा है, वहीं, पीएम मोदी का समर्थन जनता में ही नहीं, बीजेपी समर्थकों में भी कम हुआ है, यही वजह है कि…. योगी-योगी के नारे मोदी-मोदी पर भारी पड़ रहे हैं?
योगी या मोदी! 2024 में कौन होगा बीजेपी का पीएम फेस? इस पर पल-पल इंडिया में लिखा था कि…. वर्ष 2014 में बीजेपी को नरेंद्र मोदी…. एक नया पीएम फेस मिला था, वह समय था…. बीजेपी के पॉलिटिकल सुपर स्टार रहे और पहली बार बीजेपी को केंद्र की सरकार तक पहुंचानेवाले लालकृष्ण आडवाणी की विदाई का और अब 2024 आ रहा है, जब पीएम मोदी की लोकप्रियता उतार पर है, तो उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता शिखर पर है! इसीलिए…. बड़ा सवाल यही है कि- योगी या मोदी, 2024 में कौन होगा बीजेपी का पीएम फेस? जब तक नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, पॉलिटिकल डायमंड रहे, लेकिन इन आठ वर्षों में उनकी वह चमक नहीं रही और आजकल वे पॉलिटिकल अमेरिकन डायमंड नजर आने लगे हैं?
यही वजह है कि 2014 तक योगी, तब जिनका सियासी कद कुछ खास नहीं था, इस वक्त बीजेपी में सबसे लोकप्रिय नेता हैं!
देखते हैं, इन आठ वर्षों में क्या-क्या बदलाव आए हैं…. एक- योगी की विश्वसनीयता बढ़ी है, वे बड़ी-बड़ी बाते नहीं करते, लेकिन काम करते रहते हैं, जबकि मोदी की अच्छे दिनों की सारी बड़ी-बड़ी बातें, सारे बड़े-बड़े दावे झूठे निकले हैं, आज उनकी इमेज सबसे झूठे प्रधानमंत्री की है! दो- योगी हिन्दुत्व का दिखावा नहीं करते, बावजूद इसके, वे हिन्दुत्व की पहचान बन गए हैं, जबकि कभी देश में मुस्लिम टोपी नहीं पहन कर लोकप्रिय हुए मोदी, विदेशों में मुस्लिम शाल भी ओढ़ लेते हैं, यही नहीं, सबसे ज्यादा मस्जिद और मजार पर जानेवाले प्रधानमंत्री का रिकार्ड भी मोदी के नाम ही है!
तीन- मोदी सरकार की मेहरबानी से किसान आंदोलन, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के बढ़ते रेट, महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी जैसे बड़े-बड़े मुद्दों के रहते भी, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद योगी फिर से सरकार बनाने में कामयाब रहे हैं! चार- योगी दिन में कई बार कपड़े नहीं बदलते हैं और न ही उनकी ऐसे किसी प्रदर्शन में दिलचस्पी नजर आती है, बावजूद इसके…. भगवा धोती, लाखों के सुट-बुट पर भारी पड़ रही है! पांच- जहां मोदी केवल प्रचार पर केंद्रित हैं, वहीं योगी परिणाम पर ध्यान दे रहे हैं! सियासी सयानों का मानना है कि वर्ष 2024 में मोदी, उन्हीं की टीम की ओर से सत्ता से सेवानिवृत्ति की निर्धारित उम्र 75 वर्ष के एकदम करीब होंगे, मतलब…. 2024 में बीजेपी को नए पीएम फेस की जरूरत रहेगी!
(लेख में व्यक्त किए गए लेखक के विचार निजी हैं। peoplesstake.in का इससे सहमत होना जरूरी नहीं है)