पीपुल्स स्टेक डेस्क
नई दिल्ली: अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का कड़ा जवाब देते हुए रविवार को कहा कि यह रिपोर्ट निहित उद्देश्यों से जारी की गई है और इसमें निराधार भ्रम फैलाया गया है। अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च पर उचित शोध न करने और कॉपी-पेस्ट करने का आरोप लगाया है. साथ ही हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट उसके शेयरधारकों और सार्वजनिक निवेश की लागत पर मुनाफा कमाने के लिए तैयार की गई है।
शनिवार को निवेशकों को जारी की गई 413 पन्नों की रिपोर्ट के बाद इंटरव्यू में अडानी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च के सभी सवालों के जवाब दिए. अडानी समूह ने अपने जवाब के साथ दस्तावेज भी दिखाए है। समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती शेयर निर्गम के समय विवाद उत्पन्न करने वाली हिंडेनबर्ग की इस रिपोर्ट के जवाब में जारी एक मीडिया नोट में अडानी समूह ने कहा है कि अमरीकी कंपनी ने उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट में भारत की न्यायपालिका और नियामकीय व्यवस्था को अपनी सुविधा के अनुसार नजरअंदाज किया है।
अडानी समूह ने कहा है कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में 88 सवाल उठाए गए थे जिसमें से 68 के बारे में समूह की कम्पनियां ने अपनी वार्षिक रिपोर्टो , पेशकश के प्रस्तावों, वित्तीय विवरणों और शेयर बाजार को दी गई जानकारियों में उनका विवरण है. बाकी 20 में से 16 सवाल सार्वजनिक शेयर धारकों और उनके धन के स्रोत के बारे में है। इनके अलावा बाकी चार सवाल निराधार आरोप के अलावा कुछ नहीं है। बता दें कि पिछले हफ्ते हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अडानी ग्रुप दशकों से स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग धोखाधड़ी की प्लानिंग में लगा है.