हाई ब्लड प्रेशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है जिसे अगर बिना ध्यान दिए छोड़ दिया जाए तो हार्ट स्ट्रोक, अटैक, किडनी खराब होने या डिमेंशिया का खतरा हो सकता है। यदि आपका ब्लड प्रेशर 140/90 mmHg या इससे अधिक होता है तो हाइपरटेंशन की बीमारी हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर का कारण मोटापा, शराब का सेवन, धूम्रपान, पारिवारिक इतिहास या गतिहीन जीवन शैली आदि हो सकते हैं।
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वैसे तो उच्च रक्तचाप का विशेष लक्षण कुछ नहीं होता है। ऐसे में कई मामलों में मरीज को अपने इस बीमारी का निदान करने में लंबा समय लग जाता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसाार, भारत में हर 4 में से 1 वयस्क हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित है। ऐसे में उन चीजों पर नजर रखना बहुत जरूरी हो जाता है तो इस बीमारी को शरीर में पनपने में मदद करते हैं। ऐसे ही कुछ चीजों के बारे में आज हम आपको बता रहें
विटामिन डी की कमी
एनसीबीआई में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, टामिन डी की कमी हाइपरटेंशन के जोखिम को बढ़ाने का काम करती है। हालांकि ज्यादातर लोग विटामिन डी की कमी को केवल कमजोर हड्डियों और बाल झड़ने का कारण मानते हैं। लेकिन विटामिन डी हृदय स्वास्थ्य से भी संबंधित होता है। ऐसे में विटामिन डी का पर्याप्त स्तर शरीर में बहुत जरूरी होता है।
स्लीप एनीमिया
मेयो क्लिनिक के अनुसार, स्लीप एपनिया के दौरान होने वाली रक्त ऑक्सीजन के स्तर में अचानक गिरावट रक्तचाप को बढ़ाती है और हृदय प्रणाली को तनाव देती है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया होने से आपके उच्च रक्तचाप (उच्च रक्तचाप) का खतरा बढ़ जाता है। ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया आपके बार-बार होने वाले दिल के दौरे, स्ट्रोक और असामान्य दिल की धड़कन, जैसे जोखिम को भी बढ़ा सकता है। ऐसे में स्लीप एक्सपर्ट हर रात कम से कम 7 से 8 घंटे सोने की सलाह देते हैं।
प्रोसेस्ड फूड
पैकेज्ड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ सेहतमंद नहीं होते हैं। साथ ही फास्ट फूड, चिप्स, कुकीज, डिब्बाबंद सूप और सॉस जैसे खाने में अत्यधिक सोडियम होता है, जो सीधे रक्तचाप को प्रभावित करता है। रक्त में अधिक नमक पानी खींचता है। जिससे रक्त वाहिकाओं के आसपास के ऊतकों से, जो रक्त की मात्रा बढ़ाता है, उसमें दबाव बनने लगता है। इसके अलावा, संसाधित खाद्य पदार्थों से वजन बढ़ता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करना मुश्किल हो जाता है।
अकेलापन
आज के समय में ज्यादातर लोग खुद को काम और सोशल मीडिया में व्यस्त रखना पसंद करते हैं। जिसके वजह से अकेलापन भी बढ़ता जा रहा है। लोग अब सिर्फ फोन पर ही बात करने में कंफर्टेबल महसूस करते हैं। पर सोशल लाइफ होना भी जरूरी है यह आपके दिमाग को फ्रेश रहने में मदद करता है जिससे तनाव और डिप्रेशन जैसे हालात पैदा नहीं होते है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि लंबे समय से अकेलापन अवसाद से जुड़ा है और यह सीधे वजन बढ़ने और रक्तचाप में वृद्धि से संबंधित है।