पीपुल्स स्टेक नेटवर्क
सुप्रीम कोर्ट ने टीवी पर गलत तरीके से डिबेट कराने वाले टीवी एंकर्स पर सख्त रूख अपनाया है। अदातल ने कहा है कि हेट स्पीच एक बड़ा खतरा है और अगर टीवी एंकर हेट स्पीच की समस्या का हिस्सा हैं तो उनको ऑफ एयर क्यों नहीं किया जा सकता?
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि प्रिंट मीडिया की तरह न्यूज चैनलों के लिए कोई प्रेस कांउसिल नही है। अदालत ने कहा “हम फ्री स्पीच चाहते हैं लेकिन किस कीमत पर“। कोर्ट ने कहा टीवी न्यूज के कंटेंट पर नियंत्रण न होने पर अफसोस जताते हुए कहा कि हम स्वतंत्र और संतुलित प्रेस चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट पिछले कुछ महीनों में हेट स्पीच को लेकर कई बार सख्त टिप्पणी कर चुका है। पिछले साल अक्टूबर में सर्वोच्च अदालत ने न सिर्फ हेट स्पीच देने वालों को चेतावनी दी थी, उनके खिलाफ कार्रवाई न करने वाले राज्यों को भी आड़े हाथों लिया था।
अदालत ने कहा आज सब कुछ टीआरपी से चल रहा है और न्यूज चैनल एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में समाज का बंटवारा कर रहे हैं।
हेट स्पीच पर सुनवाई कर रही थी पीठ
जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ हेट स्पीच को रोकने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। अदालत ने कहा कि हेट स्पीच पूरी तरह से खतरा बन चुकी है और इसे रोकना होगा। अदालत ने मीडिया ट्रायल को लेकर भी चिंता जताई और हाल ही में विमान में एक यात्री द्वारा सहयात्री पर पेशाब करने के मामले का भी जिक्र किया।