रंजीत कुमार
रांची: झारखंड (Jharkhand) के राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने 1932 का खतियान आधारित स्थानीयता बिल राज्य सरकार को वापस लौटा दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कैबिनेट की बैठक में स्थानीय नीति विधेयक 1932 खतियान आधारित पास किया था। रविवार को राज्यपाल बैस ने उसे एक सिरे से खारिज करते हुए वापस लौटा दिया हैे।
बैस ने राज्य सरकार को विधेयक यह कहते हुए वापस किया है कि इसकी वैधानिकता की पहले गंभीरतापूर्वक समीक्षा कर लें। विधेेयक संविधान व उच्चतम न्यायालय के अनुरूप हो। उल्लेखनिय है कि राज्य सरकार ने विधेयक को राज्यपाल को भेजकर केंद्र से नौवीं अनुसूची में शामिल कराने की अनुशंसा का आग्रह किया था।
केंद्र सरकार द्वारा नौवीं अनुसूची में शामिल किए जाने के बाद यह कानूनी रूप से प्रभावी होता। राज्यपाल ने विधेयक केंद्र सरकार को भेेजने के पहले इसे बिना स्वीक्ति राज्य सरकार को वापस कर दिया है। गौरतलब है कि 11 नवंबर को विधानसभा ने झारखंड स्थानीय व्यक्तियों की परिभाषा और परिणामी सामाजिक सांस्क्तिक और अन्य लाभों को ऐसे स्थानीय व्यक्तियों तक विस्तारित करने के लिए विधेयक -2022 पारित किया था। राज्यपाल ने इसकी समीक्षा कर विधिक राय लीःराज्यपाल ने उक्त विधेयक की समीक्षा के क्रम में पाया कि संविधान की धारा-16 में सभी नागरिकों को नियोजन के मामले में समान अधिकार प्राप्त है।