रंजीत कुमार
रांची: झारखंड में निजी क्षेत्रों में 75 फीसदी स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन हो रहा है या नहीं, इसकी जाॅच के लिए झारखंड विधानसभा ने पांच विधायकों की एक कमेटी बनाई है। नलिन सोरेन कमेटी के संयोजक है, जबकि प्रदीप यादव, नारायण दास, सुदिव्य कुमार और भूषण बाड़ा सदस्य बनाये गए हैं। कमेटि गैर सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ सरकारी कार्यालयों में विभिन्न एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराये गए मानव श्रम की भी जांच करेगी।
कमेटि 45 दिनों में अपनी रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौपेगी। इस कमेटि का गठन विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ध्यानकर्षण में उठे एक सवाल के आलोेक में किया गया है। विधायक सुदिव्य कुमार और प्रदीप यादव ने पिछले साल 21 दिसंबर को सदन में ध्यानाकर्षण में इस प्रश्न को उठाया था।
झारंखड में 404 कंपनियों ने कराया है निबंधन
विधानसभा में प्रदीप यादव ने कहा था कि झारखंड राज्य में निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 202 और इसकी नियमावली 2022 अधिसूचित हो गई है। इसके तहत 40 हजार रूपये मासिक से कम की नौकरी करने वाले की सूची उपलब्ध करानी थी। गौरतलब है कि झारखंड में निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है। साल 2022 में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने 11391 अभ्यर्थियों को ऑफर लेटर देकर इसकी शुरूआत की थी। आंध्र प्रदेश और हरियाणा के बाद झारखंड ऐसा तीसरा राज्य है जहां निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को रोजगार देने का कानून पास किया गया है।