लखनऊ।लोकसभा चुनाव-2024 फतह करने के लिए भाजपा यूपी में मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी के सभी मजबूत दुर्ग ध्वस्त करने में जुटी है। अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटी भाजपा मैनपुरी, रामपुर और खतौली के उप चुनाव में विजय पताका फहराकर जनता में बड़ा संदेश देना चाहती है। वहीं, अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए सपा भी कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्टी मुखिया अखिलेश यादव मैनपुरी का मजबूत दुर्ग बचाने के लिए न सिर्फ रूठे चाचा को मनाने में सफल रहे बल्कि जनता से भावनात्मक रिश्ता भी कायम कर रहे हैं।
मैनपुरी में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की गैर मौजूदगी में होने जा रहे उपचुनाव में पार्टी लोगों से भावनात्मक रिश्ता कायम कर रही है। नेताजी की गैर मौजूदगी में हो रहे चुनाव में भाजपा भी पूरी ताकत लगा रही है। भाजपा ने सपा उम्मीदवार डिंपल यादव के सामने करीब दो दशक तक सपा का ही झंडा थामने वाले रघुराज शाक्य को प्रत्याशी बनाकर उतारा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां दो रैली कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी एक दर्जन से अधिक मंत्रियों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ डेरा जमाए हैं। उधर, सपा से पूरा यादव परिवार और पार्टी के धुरंधर गढ़ बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। करीब साढ़े पांच साल बाद पार्टी मुखिया अखिलेश यादव चाचा शिवपाल साथ मंच साझा कर रहे हैं।
अखिलेश केवल पत्नी डिंपल के चुनाव तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके समक्ष पार्टी का अस्तित्व बचाने की चुनौती भी है। इस सीट पर करीब दो लाख से अधिक ठाकुर मतदाता हैं। ऐसे में डिंपल ठाकुरों के बीच उनकी बेटी बनकर वोट मांग रही हैं। जानकारों का मानना है कि अगर अखिलेश मैनपुरी का गढ़ बचाने में सफल रहे तो यह पार्टी और परिवार के लिए ऑक्सीजन की तरह होगी। इससे परिवार की एकता और जनता में विश्वास बढ़ाने में मदद मिलेगी।
रामपुर में आजम के परिवार से बाहर का प्रत्याशी
सपा के अभेद्य दुर्ग रामपुर में वर्षों बाद पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां या उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ रहा है। भाजपा ने इस गढ़ को भेदने के लिए पार्टी प्रत्याशी आकाश सक्सेना के पक्ष में राष्ट्रवाद के मुद्दे को हवा दी है। मुस्लिम वोट साधने के लिए पूर्व कांग्रेस विधायक नवाब काजिम अली (नवेद मियां) का समर्थन हासिल किया है। आजम के सभी सिपहसालार एक एक कर भाजपाई हो रहे हैं। रामपुर लोकसभा उप चुनाव में परचम फहरा चुकी भाजपा विधानसभा उपचुनाव जीतने के प्रति आश्वस्त है। भाजपा ने यहां बूथ प्रबंधन से लेकर मतदान केंद्र तक अपनी लंबी टीम तैनात की है।
खतौली सीट बरकरार रखने के लिए झोंकी ताकत
खतौली विधानसभा सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए भी भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। यहां राष्ट्रवाद का रंग देने के लिए मुजफ्फरनगर दंगे के आरोपी पूर्व विधायक विक्रम सिंह की पत्नी राजकुमारी को मैदान में उतारा है। वहीं, सपा समर्थित रालोद प्रत्याशी मदन भैया के खिलाफ कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाया गया है। भाजपा यहां फूंक–फूंककर कदम रख रही है। उप चुनाव में जनता के बीच कोई गलत संदेश जनता न जाए इसके चलते सपाई हुए पूर्व मंत्री धर्मसिंह सैनी की दोबारा ज्वाइनिंग टाल दी गई है।