लखनऊ। बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके तहत बेहद अहम सूबे उत्तर प्रदेश की सभी 80 और विशेषकर 14 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए पार्टी जोर-शोर से जुट गई है। ये वह 14 लोकसभा सीटें हैं जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिली थी। इसके लिए सात मंत्रियों की तैनाती की गई है।
2019 के लोकसभा चुनाव में 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी को 62 सीटों पर जीत मिली थी जबकि सपा-बसपा और राष्ट्रीय लोक दल के महागठबंधन को 15 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी जबकि दो सीटें बीजेपी की सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) को मिली थी।
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में अकेले दम पर 71 सीटें मिली थी।
2024 की तैयारियां शुरू
कुछ दिन पहले ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के तमाम पदाधिकारियों, मोदी सरकार के मंत्रियों के साथ 2024 के चुनाव को लेकर लंबी चर्चा की है और 144 ऐसी लोकसभा सीटों की पहचान की है जहां उसे 2019 में हार मिली थी।
इन सभी सीटों पर मोदी सरकार के मंत्री आने वाले दिनों में प्रवास के तहत जाएंगे और कार्यकर्ताओं को चुनाव की तैयारियों में जुटने के लिए एकजुट करेंगे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विपक्ष के पाले में आने के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में तेजी आ गई है। नीतीश कुमार हाल ही में राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों के नेताओं से मिलने दिल्ली पहुंचे तो दूसरी ओर बीजेपी ने भी संगठन के पदाधिकारियों, केंद्र सरकार के मंत्रियों को मैदान में उतरने का निर्देश दे दिया।
आजमगढ़ और रामपर में जीत
बताना होगा कि बीजेपी को जून में आजमगढ़ और रामपुर सीटों पर हुए उपचुनाव में कामयाबी मिली थी। यह दोनों ही सीटें सपा के दिग्गज नेताओं क्रमशः अखिलेश यादव और आजम खान के इस्तीफे से खाली हुई थीं। बीजेपी ने दोनों सीटों पर जीत दर्ज कर उत्तर प्रदेश में 2024 के चुनाव के लिए मजबूती से कदम आगे बढ़ा दिए थे।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की जिन 14 सीटों को जीतने के लिए बीजेपी ने सात मंत्रियों को लगाया है, इनमें से 12 लोकसभा सीटों पर उसे 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी। लेकिन 2019 में उत्तर प्रदेश में बने महागठबंधन की वजह से वह इन सीटों को हार गई थी। इस बार उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा का साथ आना मुश्किल दिख रहा है और ऐसे में बीजेपी की कोशिश इन सीटों को वापस अपने पाले में लाने की है।