सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों के लिए दुर्गा बनी आईपीएस सयाली
आज आपको महिला आईपीएस सायली सावलाराम धुरत के कार्याें को बारे बता रहे है, जिन्हें उत्कृष्ट कार्याें के लिए राष्ट्रपति से सम्मान और केंद्रीय गृहमंत्री पदक भी मिल चुका है।
अररियाः नवरात्र में जिन बच्चियों को देवीस्वरूपा मान कर उनकी पूजा की जाती है, उसी के साथ साल 2019 में एक वीभत्स घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया था। मेला देखने गई दस वर्षीय बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की सूचना मिलते ही तत्कालीन एसपी सायली सावलाराम धुरत तुरंत मौके पर पहुंची। आईपीएस सयाली सामूहिक दुष्कर्म करने वालों के लिए दुर्गा बनीं। अदालत की मदद से दोषियों को फांसी और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
छूटी हुई चप्पल के सहारे आरोपी तक पहुंची पुलिस
मृत बच्ची की नानी के बयान पर स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करायी गयी। जिसमें 6 जुलाई 2019 को फारबिसगंज ओपी क्षेत्र में सड़क किनारे खेत से नग्नावस्था में बच्ची का शव बरामद होने की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि बच्ची मेला देखने गई थी, जब भारी भीड़ से वह गायब हो गई, तो उसे खोजने की काफी कोशिश की गयी। बच्ची का शव मिलने पर जांच से पुलिस को यह जानकारी मिली कि उसके साथ दुष्कर्म भी किया गया है। एसपी सायली ने इस मामले में श्वान दस्ते की मदद ली। मौके-ए-वारदात पर आरोपी की छूटी हुई चप्पल से उस पर शक गहराया। चप्पल सूंघने के बाद श्वान आरोपी के घर पहुंच गया।
श्वान दस्ते से पुलिस को एक आरोपी के घर का पता मिल गया। लेकिन उस घर में बाहर से ताला लगा था। एसपी सायली के निर्देश पर सादे लिबास में पुलिसकर्मी उस पर नजर बनाये हुए थे। जिसके बाद पुलिस को यह जानकारी मिल गई कि आरोपी घर को बाहर से बंद कर अंदर ही छिपा है। पुलिस ने उसे पकड़ लिया। प्रारंभ में वह पुलिस को गुमराह करने का प्रयास करता, पर सायली के रौद्र रूप के आगे टूट गया। उसकी निशानदेही पर अन्य आरोपी भी पकड़े गये।
वैज्ञानिक तरीके से एकत्रित किए गए साक्ष्य
एसपी सायली खुद इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रही थी। अनुसंधानकर्ताओं ने वैज्ञानिक तरीके से एक-एक साक्ष्य जुटाए। फॉरेसिंग जांच से लेकर हर रिपोर्ट तैयार कर दो महीने के अंदर आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया। इसके साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने में करने का आग्रह किया गया।
विशेष न्यायालय ने सजा सुनाई
पॉक्सो केस विशेष न्यायालय ने मामले में सुनवाई पूरी की। अक्टूबर 2021 में पॉक्सो में आरोपी 21 वर्षीय अमर कुमार को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने उपलब्ध सबूतों के आधार तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
सायली को मिल चुका है राष्ट्रपति सम्मान और केंद्रीय गृहमंत्री पदक
मुंबई की रहने वाली सायली 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी है। आईपीएस सायली को 2019 में लोकसभा चुनाव में उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति से भी सम्मान मिल चुका है। वहीं उत्कृष्ट अनुसंधान से अपराधियों को सजा दिलाने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री पदक भी दिया गया।