दिग्विजय सिंह वही कह रहे हैं जो कांग्रेस का वोटर सुनना चाहता है

दिग्‍विजय सिंह मंझे हुए नेता हैं और उनका कोई भी बयान में गांधी परिवार की सहमति के बिना नहीं हो सकता है।

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महेंद्र सिंह

मिस्‍टर बंटाधार। यानी कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक बार फिर चर्चा में हैं। उनका गुनाह बस इतना ही है कि उन्‍होंने बालाकोट एयर स्‍ट्राइक पर सवाल उठाया है। और पीएम मोदी पर सवाल उठाया है। ये कोई नई बात नहीं है। 2019 आम चुनाव से पहले राहुल गांधी भी यही कर रहे थे। उन्‍होंने मोदी पर सेना के जवानों के खून की दलाली का आरोप भी लगाया था। तमाम कांग्रेस नेताओं के बयान वैसे ही थे जैसे बालाकोट के बाद पाकिस्‍तान के नेताओं के। लेकिन आज दिग्विजय के बयान पर कांग्रेस से सहानुभूति रखने वाले भी सवाल उठा रहे हैं। राहुल गांधी ने भी खुद को दिग्विजय सिंह के बयानों से अलग कर लिया है और बालाकोट पर बयान को उनकी निजी सोच बता दिया है। वे कांग्रेस में इंटरनल डेमाक्रेसी की दुहाई दे रहे हैं। ये अलग है ये ज्ञान उनको 2019 में बुरी हार के बाद हुआ है कि बालाकोट पर सवाल उठाना एक आम भारतीय को पसंद नहीं आ रहा है। लेकिन बात इतनी ही नहीं है।

दिग्विजय सिंह कोई नए नेता नहीं है और न ही वे आत्‍मघाती मिशन पर निकले हैं जो कुछ भी बयान दे। दिग्‍विजय सिंह मंझे हुए नेता हैं और उनका कोई भी बयान में गांधी परिवार की सहमति के बिना नहीं हो सकता है। इसका सबूत ये तथ्‍य है कि आजतक कांग्रेस हाईकमान ने दिग्विजय सिंह को कभी इसके लिए मना नहीं किया है। ऐसा पहली बार नहीं है जब एक रणनीति के तहत दिग्विजय सिंह के बयानों को उनकी निजी राय बताया गया है।

आप बाटला एनकाउंटर की याद करें। दिग्विजय सिंह ने उस एनकाउंट को फर्जी बताया था। जबकि ये यूपीए सरकार में ही हुआ था। आज भी दिग्विजय सिंह उस बयान में कायम हैं। दिग्विजय सिंह ऑन रिकॉर्ड कह चुके हैं कि वो आज भी अपने बयान में कायम है। तो क्‍या दिग्विजय सिंह को राजनीतिक समझ नहीं है। ऐसा कोई बहुत मासूम ही कह सकता है। ये बात दिग्विजय सिंह की नहीं है। देश में एक बड़ी संख्‍या ऐसे लोगों की है जो बाटला एनकाउंटर को फर्जी मानता है ओर संयोग से ये लोग कांग्रेस को वोट देते हैं। जब कांग्रेस का कोई नेता बाटला एनकाउंटर को फर्जी बताता है तो ऐसे लोगों को लगता है कि कोई है जो हमारे साथ है। भले ही दबी जुबान से।

कांग्रेस जीतेगी या नहीं जीतेगी। ये तो समय बताएगा। लेकिन कांग्रेस को 10 12 करोड़ लोग वोट दे रहे हैं। और ये वोट उनके साथ बना रहे उसके लिए जरूरी है कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता सेना पर सवाल उठाते रहें। बालाकोट की सफलता पर शक करें। या भारतीय सेना को एलएसी पर चीन से पिटता बताते रहें। आप किसी कांग्रेस के वोटर से बात करके देखें वो दिग्विजय सिंह के बयानों को गलत नहीं बताएगा। वो इसका समर्थन करेगा। कुछ साल पहले राहुल गांधी भी यही बात कह रहे थे। एलएसी पर भारतीय सेना के पिटने की बात तो राहुल गांधी ने अभी कुछ दिनों पहले ही कही थी। तो दिग्विजय सिंह ने कौन से गुनाहे अजीम कर दिया। वे तो अपनी पार्टी और अपने वोटर्स की सोच ही बयां कर रहे हैं। अब अगर कांग्रेस हार रही है तो दिग्विजय सिंह क्‍या करें। इस हाल में भी आम चुनाव में कांग्रेस को 12 करोड़ वोट मिल रहे हैं। इसमें दिग्विजय सिंह की भी भ‍ूमिका है।

दिग्‍विजय सिंह नेता हैं। वो भी विपक्ष के। क्‍या वे मोदी की जयजयकार करें। अगर दिग्विजय सिंह मिस्‍टर बंटाधार होते तो वे आज कांग्रेस में नहीं होते। गांधी परिवार को इतनी समझ तो है कि वे लायबिलिटी हैं या एसेट हैं। निश्चित तौर पर दिग्विजय सिंह कांग्रेस के लिए उतने ही एसेट हैं जितने राहुल गांधी। क्‍योंकि दिग्विजय सिंह वही बोलते हैं जो कांग्रेस का वोटर सुनना चाहता है। सही हो या गलत हो। ये अलग विषय है। अगर दिग्विजय सिंह जैसे नेता इस तरह के बयान नहीं देंगे तो कांग्रेस का ये वोटर कहीं और चला जाएगा। उसके पास जो बाटला एनकाउंटर को फर्जी बताएगा। बालाकोट एयरस्‍ट्राइक को फर्जी बताएगा। दिग्विजय सिंह की आलोचना करने वालों को ये बात समझनी होगी। दिग्विजय सिंह क्‍या करें क्‍या घर बैठ कर भजन करें। उनको भी चुनाव लड़ना है और वोट मांगना है।

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