चंदन की खुशबू से महकेगा यूपी, रामपुर के किसान की पहल

चंदन के पेड़ की खेती से किसान लाखों का मुनाफ़ा कमा सकते हैं

0 24

रामपुर: अब यूपी के खेतों में चंदन की खुशबू महकेगी। इसके लिए रामपुर के किसान ने अपनी आय बढाने के लिए चंदन की खेती शुरू कर दी है। साथ ही अब वह दूसरे किसानों को भी चंदन की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मूलरूप से रामपुर के शहजादनगर थानाक्षेत्र के ग्राम ककरौआ निवासी रमेश कुमार तीन भाई हैं। रमेश कुमार के दो भाई गांव में ही रहते हैं और खेती करते हैं। बच्चों की पढाई की वजह से वह शहर आ गए। करीब 12 साल पहले पिता का देहांत होने के बाद उनके हिस्से में 27 बीघा जमीन आई। जिस पर उनके भाई ही खेती करते थे। इसके बाद उन्होंने वैकल्पिक खेती के रूप में औषधीय खेती करने का मन बनाया। उन्होंने जानकारी एकत्र की, तो चंदन की खेती के बारे में पता लगा। जिसके बाद वह चंदन की खेती की पूरी जानकारी करने और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए बैंगलोर चले गए। जहां इंडियन वुड साइंस टेक्नोलॉजी सेे पूरी जानकारी प्राप्त की। इसके बाद वहां से मई माह में बीज लेकर रामपुर आ गए।

यहां उन्होंने अपने भाईयों से आठ बीघा खेत खाली कराया और उसमें चंदन की पौध तैयार करने के बीज बो दिए। जिसके बाद अब वे बीज पौध के रूप में तैयार हो गए हैं। रमेश कुमार बताते हैं कि पहले चंदन की खेती उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित थी, लेकिन 2017 में सरकार ने इसे प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया है।

सरकार ने यह शर्त लगाते हुए किसानों को चंदन की खेती करने की अनुमति दे दी है कि चंदन के पेड तैयार होने के बाद उन्हें सिर्फ सरकार ही खरीदेगी और खुद ही एक्सपोर्ट करेगी। यह जानकारी मिलने के बाद उन्होंने चंदन की खेती करने का मन बनाया और अब पौध तैयार है।

कैसे करें चंदन की खेती

किसान रमेश कुमार बताते हैं कि वर्ष 2017 तक चंदन की खेती करने पर रोक थी। लेकिन, अब कोई भी किसान चंदन की खेती कर सकता है। किसान एक पेड़ से दो से तीन लाख रूपये तक कमा सकते हैं। एक एकड़ में करीब 400 से 500 पौधे लगाए जा सकते हैं। चंदन की खेती करने के लिऐ आपको कुछ बातांे का विशेष ध्यान रखना होगा। उत्तर भारत में सफेद चंदन की खेती सबसे ज्यादा होती है। क्योंकि, इसमें 7.5 पीएच वाली मिट्टी की जरूरत होती है।

कितने पानी की ज़रूरत

किसान रमेश कुमार के मुताबिक चंदन के पौधे को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है। ऐसे में इसे लगाते वक्त ये ध्यान रखें कि इसे ऐसे जगह पर न लगाएं, जहां पर की पानी का अधिक भराव होता हो। खासतौर से निचले इलाके में न लगाए, जहां कि पानी भरा रहता हो।

Leave A Reply

Your email address will not be published.