अंकिता हत्याकांड: आरंभ है प्रचंड
उत्तराखंड में हुए अंकिता हत्याकांड को लेकर आम लोगों का आक्रोश चरम पर है। राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन भी इस मामले को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं
उत्तराखंड: उत्तराखंड में हुए अंकिता हत्याकांड को लेकर लोगों में खासा आक्रोश है। गुस्साए लोगों ने अंकिता की हत्या मामले में मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य के ऋषिकेश में स्थित वनन्तरा रिजॉर्ट के कुछ हिस्सों में आग लगा दी है। इसके अलावा उत्तराखंड के अलग-अलग राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में प्रदर्शन किया है।
मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मामले में तमाम जगहों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया है और राज्य सरकार का पुतला फूंका है। इस मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया है।
अंकिता भंडारी पौड़ी जिले के यमकेश्वर की रहने वाली थी। ऋषिकेश के एम्स में अंकिता के पोस्टमार्टम के दौरान यमकेश्वर से बीजेपी की विधायक रेणु बिष्ट पहुंचीं तो लोगों ने उनका जोरदार विरोध किया और इस दौरान उनकी कार का शीशा भी तोड़ दिया। लोगों ने इस दौरान रेनू बिष्ट मुर्दाबाद और रेनू बिष्ट वापस जाओ के नारे लगाए।
लोगों के जबरदस्त विरोध के बीच विधायक को वहां से तुरंत जाना पड़ा। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उन्हें लोगों के बीच से निकाला।
उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने कहा है कि यह जघन्य अपराध है और प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
पुलिस ने इस मामले में वनन्तरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, रिजॉर्ट के प्रबंधक सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को गिरफ्तार किया है। अंकिता इस रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर थी और कुछ दिन पहले ही उसे यह नौकरी मिली थी।
उत्तराखंड क्रांति दल, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच, संयुक्त मोर्चा आदि संगठनों ने शुक्रवार को देहरादून में जुलूस निकाला और अभियुक्तों को फांसी की सजा देने की मांग की। इसे लेकर सोशल मीडिया पर भी लोग बेहद नाराज हैं और लगातार उत्तराखंड सरकार और उत्तराखंड पुलिस के कामकाज पर सवाल उठा रहे हैं।
अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त पुलकित आर्य के पिता और भाई पर राज्य की बीजेपी सरकार और संगठन ने सख्त कार्रवाई की है। पुलकित आर्य के पिता और बीजेपी नेता डॉ. विनोद आर्य को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। डॉ. विनोद आर्य बीजेपी में ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य थे और साथ ही यूपी के सह प्रभारी भी थे।
उत्तराखंड बीजेपी के महामंत्री राजेंद्र सिंह बिष्ट की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने इस मामले का संज्ञान लिया है और डॉ. विनोद आर्य और उनके पुत्र अंकित आर्य को तत्काल प्रभाव से बीजेपी से निष्कासित किया जाता है।अंकिता की उम्र 19 साल थी। अंकिता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में हीला हवाली की। अंकिता के माता-पिता अपनी बेटी के हत्यारों को फांसी के फंदे पर देखना चाहते हैं। अंकिता अपने परिवार की होनहार लड़की थी और इसीलिए पढ़ने लिखने के बाद वह शहर में काम ढूंढने के लिए आई थी।