पहले फिजिक्स फिर केमेस्ट्री में मिला नोबेल पुरस्कार, मैडम क्यूरी और परिवार ने बनाया रिकॉर्ड
मैडम क्यूरी को 1903 में पति के साथ संयुक्त रूप से फिजिक्स में और 1911 में केमेस्ट्री में नोबेल प्राइज दिया गया।
नई दिल्ली। नोबेल पुरस्कार दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक है जिसे प्रत्येक वर्ष साहित्य, शांति, केमेस्ट्री आदि क्षेत्रों में बेहतरीन कार्य करने के लिए प्रदान किया जाता है। इस वर्ष मॉलिक्यूल्स के एक साथ विखंडन के तरीके को विकसित करने के लिए कैरोलिन आर बर्टोजी, मोर्टन मेल्डाल और के. बैरी शार्पलेस को केमेस्ट्री में नोबेल पुरस्कार दिया गया है। इसका ऐलान रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज के महासचिव हैंस एलेग्रेन ने बुधवार को स्वीडन के स्टॉकहोम में कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट में किया। कई लोगों के नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने की कहानियां प्रसिद्ध हैं लेकिन इतिहास एक परिवार ऐसा भी है जिसने पुरस्कार हासिल करने के क्षेत्र में वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया। आइए इस लेख के माध्यम से उस परिवार के विषय में जान लेते हैं।
संयुक्त रूप से फिजिक्स में मिला नोबेल
अगर इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाए तो मैडम क्यूरी और उनके परिवार ने सबसे अधिक नोबेल पुरस्कार हासिल किए हैं। मैडम क्यूरी 7 नवंबर को पोलैंड में जन्मी एक फ्रांसीसी नागरिक थीं और उनके पिता एक शिक्षक थे। जब मैडम क्यूरी पढ़ाई करती थी तो उनका ज्यादातर समय लैब में ही गुजरता था। वर्ष 1894 में क्यूरी ने अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। अपने ग्रेजुएशन के दिनों में ही उनकी मुलाकात केमिस्ट पियरे क्यूरी से हुई और बाद में उन दोनों ने शादी कर ली। वे दोनों लगातार रेडियो एक्टिविटी पर रिसर्च करते रहे। उनके रिसर्च का नतीजा रहा कि मैडम क्यूरी और उनके पति को संयुक्त रूप से 1903 में फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार दिया गया। मैडम क्यूरी पहली महिला हैं जिन्हें दो अलग-अलग विषयों में नोबेल प्राइज दिया गया।
बेटी और दामाद भी नोबेल पुरस्कार लिस्ट में शामिल
मैडम क्यूरी अपने क्षेत्र में लगातार कार्य करती रहीं लेकिन 1906 में एक सड़क दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। पति को खोने के गम भी मैडम क्यूरी को न रोक सका और अपनी मेहनत से उन्होंने 1911 में फिर से केमेस्ट्री में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। माता-पिता के विरासत को उनकी बेटी आइरन ने आगे बढ़ाया और 1926 में उन्होंने फ्रेडरिक जोलिओट से शादी कर ली। आइरन ने मां मैडम क्यूरी और पिता पिअरे के नक्शेकदम पर चल कर शादी के बाद अपने पति के साथ मिलकर रेडियोएक्टिव एलिमेंट की खोज की और 1935 में केमेस्ट्री में नोबेल पुरस्कार अपने नाम किया।